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पु.
वमाल
आगम
गर
रो
जंबू
लोन
पाहण
जव
कंठ
हरि
सुणह
विसय
पलय
साण
समवाश्र
जंबूसामि
वरि
पो
सायर
हरि
करि
भंड
णिव
समुद्द
स्त्री.
अपभ्रंश श्रभ्यास सौरम ]
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नपु.
जल
वेलाउल
माणिक्क
मज्झ
जाणवत्त
विस
पुंछ
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पु. नपु
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