________________
संज्ञा शब्द
नपु.
संत्रिणी
स्त्री . महिला विणयसिरि सिद्धि
कहान पुर
पु. नपु. दिए रुवरुवग दिवस→दिग्रस
बरइत्त
सहाय
वण
कलस
मइ
भोयण
ठाण
लोय
रवि
रयरण
मग्ग
गहण
पव्व
णाह
प्रासा लच्छी रयणि रच्छा निसा
तित्थ
समूह
णय
घर
सुवण्ण णिहाण
कण
उवाय खोयण
पिया
णारा
पुण्ण
दविण
मण
पह विहाण समय
प्रासा मंति
पाण
घरायल हिअय
विस
कर
मूल
तीर
पुहइ संपया णिद्दा गिरा
सग्ग
गयर
हत्य
मुह
कुमार सियाल
पमाण
बल६
पहाय
पु. स्त्री. मरिण
दन्त
प्रामिस
विराम
मय
वस
प्रोसह
जण
कयण .
संचार
धण
154 ]
[ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org