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(iii) अभ्यास-7 के वाक्यों का अपभ्रंश में अनुवाद
(1) महु चउत्थी/चउथी परिक्खा कल्ले होसइ । (2) तइयाहे पुत्तिहे पाणिगहणु पिउएं साणन्दें किउ । (3) अज्जहो दसमीहिं रयणीहिं सो जुझ जिएसइ । (4) अट्ठारहमी झुपडा रिण म्मिमा । (5) दस मीहिं गुहाहिं मुणि झायन्ति । (6) तासु तइया ससा जसहो कंखा करइ। (7) हां दसमी साडी कीणमि । (8) किं तुज्झ वियाहिं अंखिहिं दोसु अस्थि । (9) दसमीहे कच्छाहे चालीसम छत्त, पंचमीहे कच्छाहे पण्णासम छत्त मई कोक्किय । (10) तइया पंत्तिहे छट्ठी महिला परिवार सुहेण घरे णिवसइ । (11) बारहमी कच्छाहे छत्त गुरुहे सिक्खा पालइ । (12) सो एत्थु दसमे दिवसे वि खेलेसइ।
iv
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1. प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ
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