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सर्वनाम- सूत्र
26. सर्वादेर्ड सेहाँ 4/355
सर्वादे सेही [ (सर्व)+ (आदे:) (ङसे:) (हां) ] [ (सर्व)- (आदि) 5/1] ङसे: (ङसि) 6/1 हां (हां) 1/1 सर्व→सव्व आदि से परे 'सि' के स्थान पर 'हो' (होता है)। अपभ्रंश में सर्व→सन्ध आदि अकारान्त पुल्लिग और नपुंसकलिंग सर्वनामों से परे सि (पंचमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर हां होता है । सव्व (पु., नपुं.) -(सव्व+ङसि) = (सव्व+हां)=सव्वहां
(पंचमी एकवचन) 4/330 से सव्वाहां (पंचमी एकवचन)
4/355 4/330 इयर (दुसरा) (पु., नपुं.)-इयरहां इयराहां __ (पंचमी एकवचन) अन्न (दूसरा) (पु., नपुं)- अन्नहां अन्नाहां (पंचमी एकवचन) पुष (पहला) (पु., नपुं.)-पुवहां पुवाहां (पंचमी एकवचन) स (अपना) (पु., नपुं)-सहा साहां (पंचमी एकवचन) त (वह) (यु.. नपुं.)-तहां ताहां (पंचमी एकवचन) ज (जो) (पु, नपुं.)-जहां जाहां
(पंचमी एकवचन) क (कौन, क्या) (पु., नपुं.)-कहां काहां (पंचमी एकवचन) एक्क (एक) (पु, नपुं.)-एक्कहां एक्काहां (पंचमी एकवचन)
27. किमो डिहे वा 4/356
किमो डिहे [ (किमः)+ (डिहे) ] वा किमः (किम्) 5/1 डिहे (डिहे) 1/1 वा (अ) =विकल्प से
1. वृहद् अनुवाद चन्द्रिका, चक्रधर नौटियाल, पृष्ठ 74, (सर्वनाम शब्द)।
प्राकृतमार्गोपदेशिका, बेचरदास जीवराज दोसी, पृष्ठ 198, 199, 200 । अभिनव प्राकृत व्याकरण, नेमीचन्द शास्त्री, पृष्ठ 196 ।
प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ ]
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