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ह्रस्व का दीर्घ
- देवहि, देवाहि
- हरिहि, हरीहि
साहु (पु.)
- साहुहि, साहूहि
मइ (स्त्री.) – मइहि, मई ह
कमल (नपु . ) - कमलहि, कमलाहि
देव (पु.)
हरि (पु.)
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दीर्घ का ह्रस्व
कहा (स्त्री.) - कहाहि, कहहिं
लच्छी (स्त्री.) - लच्छीहिं, लच्छिहिं
गामणी (पु.)
• गामणीहिं, गामणिहि
सयंभू (पु.)
सयं भूहि, सयंभुहि
बहू (स्त्री.) - बहूहि, बहुहि
[ प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ
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