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________________ महामहोपाध्याय गौरीशंकर हीराचन्द ओझा जी की सूची इस प्रकार है' : १. ए. ख और ऊं 2.द्वि. स्ति और न ३. त्रि. श्री और म ४-ङ्क., ई, ङ्का, राक. ५. तू, र्तृ, र्ता, नृ. हृ और नृ ६- फ्र, फ्रे, फ्रे. घ्र, भ्र, पु, व्या और फ्ल ७ - ग्र, ग्रा, ग्र, गर्भा, उर्गा, और भ्र ८-हू, र्ह, हु, और द . ६= ओ, उँ, र्ड, उं, जं, अ और नु १० - लृ, लृ . ळ, राट, 31, अ और र्सा २० = थ, था. र्थ, र्था, घ, र्घ, प्व और व 30 = ल.ला. ले और र्ला ४० प्र, पर्ल, प्ता, सी और प्र रार्क. ष्क. के. (एक. (प्के). कै. के. फ्रे और पु ५० = ६, ८, ७, ६,० और ण ६० - चु., वु, घु, धु, र्थ. धू. र्थ, धुं. घु और घु ७० = चु., चू. थू. धूं. घूं और र्म्स ८० = ९७,६,७,०० और पु ६०= ४१, ६३, ४, ४ और १०० = सु, सू, लु और अं 200= सु.सु... आ. लू और घू ३०० = स्ता, साला, सा, सु. सुं. और सू ४०० = सूरे, स्तो, और स्ता 1. भारतीय प्राचीन लिपिमाला, पृ. 107 पाण्डुलिपि-ग्रंथ : रचना - प्रक्रिया Jain Education International For Private & Personal Use Only 47 www.jainelibrary.org
SR No.002693
Book TitleSamanya Pandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirprasad Sharma
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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