________________
मुनि पुण्यविजयजी ने अक्षरांकों के लिए जो सूची दी है, वह इस प्रकार
१-१.म.न.म.श्री. श्री 2-2,न,सि,सि,श्री. ३-३,म.,श्री, श्री,श्री ४८,क, ध, फा, ई.ओ.क, का.म.का.र ५-६,,,. " ,"न,ना,ता.का.मा, ६-फ,र्फ,फा,, प्रा.,फ्रा.आ.फु.,फु , पर ७-ग्र.ग्री गा. 6-5,5,कर ल. (V,.ई.ई.
दक अंक १.तृ.र्नु
१-सुर्स २-घ,वा
२-सू,स्त,स ३ .ला
३-साना,सा ४प्त,प्राप्त
४गना,स्नासा 4%C,G,६,६० ५स्तो ,सो.सो ६.चु.षु
६-स्त्रं ,स्त्रं ,सू ७-क. घ...
७ - स्त्रः, स्नः सः ८.७,८७ ( ४.४.६3.8 030
1. भारतीय जैन श्रमण संस्कृति अने लेखन कला, पृ. 63
46
सामान्य पाण्डुलिपिविज्ञान
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org