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(ग) अंगुलीय लिपि (अँगुलियों के आकार की लिपि ) (घ) उर्ध्व धनु लिपि ( चढ़े हुए धनुषाकार की लिपि )
(ङ) पुष्पलिपि (पुष्पांकित)
(च) मृगचक्र लिपि (पशुओं के चक्रों का उपयोग किया जाने वाली लिपि)
(छ) चक्रलिपि (चक्राकार रूपवाली)
(ज) वज्रलिपि (वज्र के समरूप वाली लिपि)
8. स्मरणोपकरी लिपि (Mnemonic ) (अ) अंकलिपि (संख्यालिपि)
(आ) गणितलिपि (गणित के माध्यम वाली लिपि)
9. उभारी या खोदी हुई लिपि
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आदश या आयशलिपि (कुतरी हुई लिपि)
10. शैलीपरक लिपियाँ
(1) उत्क्षेप लिपि (ऊपर की ओर उभारकर या उछालकर लिखी गई लिपि) ।
(2) निक्षेप लिपि ( नीचे की ओर बढ़ाकर लिखी गयी )
(3) विक्षेप लिपि ( सब ओर से लंबित लिपि)
(4) प्रक्षेप लिपि (एक ओर विशेष संवर्द्धित)
( 5 ) मध्यक्षर विस्तार लिपि (मध्य अक्षर को विशेष संवर्धित किया गया हो)
11. संक्रमण स्थिति द्योतक लिपि इसे विमिश्रित लिपि भी कहते हैं । इसमें चित्ररेखा, अक्षर एवं वर्ण का विमिश्रण होता है ।
12. त्वरा लेखन (क) अनुद्रुत लिपि (शीघ्रगति से लिखी जाने वाली ) 13. पुस्तकों हेतु विशिष्ठ शैली - शास्त्रावर्त लिपि
14. हिसाब-किताब हेतु विशिष्ट शैली - गणावर्त लिपि (गणित मिश्रित कोई
लिपि)
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सामान्य पाण्डुलिपिविज्ञान
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