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4. प्रादेशिक लिपियाँ -
1. पुखरसारीय -- (पुष्करसारीय - पश्चिमी गांधार में प्रचलित) 2. पहारइय - (उत्तर पहाड़ी क्षेत्र की लिपि) 3. अंगलिपि (अंग, उत्तर-पूर्व बिहार की) 4. बंगलिपि - (बंगाल में प्रचलित लिपि) 5. मगधलिपि 6. द्रविड़लिपि (दमिलि - द्रविड़ प्रदेश की) 7. कनारीलिपि 8. दक्षिणलिपि 9. अपर गौड़ाद्रिड-लिपि (पश्चिमी गौड़ प्रदेश की)
10. पूर्व विदेहलिपि (पूर्व विदेह की) 5. जनजातियों (Tribal) की लिपियाँ
(अ) गंधर्व लिपि (हिमालय की जनजाति)। (आ) पौलिंदी (पुलिंदो-विंध्यक्षेत्र के लोगों की लिपि) (इ) उग्रलिपि (उग्रलोगों की) (ई) नागलिपि (नागों की) (उ) यक्षलिपि (यक्ष-हिमालय की जनजाति की) (ऊ) किन्नलिपि (किन्नरों-हिमालय की जनजाति की)
(ए) गरुड़लिपि (गरुड़ों की लिपि) 6. साम्प्रदायिक लिपियाँ
(क) महेसरी (माहेश्वरी-शैवों में प्रचलित लिपि)
(ख) भौमदेव लिपि [भूमि के देवता (ब्राह्मण) द्वारा प्रयुक्त लिपि] 7. चित्ररेखान्वित लिपियाँ
(क) मंगल्य लिपि (एक मंगलकारी लिपि) (ख) मनुष्य लिपि (मानव आकृतियों के उपयोग वाली लिपि)
पाण्डुलिपि की लिपि : समस्या और समाधान
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