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यदि डैबर प्राप्त न हो तो एक रूमाल में थोड़ी रूई लेकर उसका पैड-सा बना लें। उस पर स्याही लगाकर चिपके हुए कागज पर धीरे-धीरे उस पैड से दबाना चाहिए। प्रायः सभी कोनों पर इसकी दाब समान होनी चाहिए। बस आपकी छाप तैयार हो जायेगी।
इस तरह किसी भी प्रकार के लिप्यासन पर लिखी रचना पाण्डुलिपि की श्रेणी में मानी जायेगी। पाण्डुलिपि के और भी अनेक प्रकार हो सकते हैं। हमने यहाँ चिट्ठी-पत्री अथवा अन्य अद्भुत लेखों का विवरण जान-बूझ कर नहीं दिया है। क्योंकि पाण्डुलिपिविज्ञान के विद्यार्थी को सामान्य ज्ञान के लिए इतना ही आवश्यक है।
पाण्डुलिपि : प्रकार
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