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तहा
अव्यय
-तथा
10.
आदा
कम्ममलिमसो धरेदि पाणे पुणो पुणो अण्णे
(आद) 1/1 [(कम्म)-(मलिमस) 1/1 वि] (धर) व 3/1 सक (पाण) 2/2
अव्यय
(अण्ण) 2/2 वि
= आत्मा = कर्म से मलिन = धारण करता है = जीवन को = बार-बार = दूसरे = नहीं = छोड़ता है = जब तक = ममत्व = देह मूलवाले = विषयों में
ण
अव्यय
चयदि
(चय) व 3/1 सक
जाव
ममत्तं
अव्यय (ममत्त) 2/1 [(देह)-(पधाण) 7/2 वि] (विसय)7/2
देहपधाणेसु विसयेसु
11.
•जो
जाणादि जिणिंदे
पेच्छदि
सिद्धे तहेव . • अणगारे ..
जीवेसु साणुकंपो उवओगो सो सुहो
(ज) 1/1 सवि (जाण) व 3/1 सक (जिणिंद) 2/2 (पेच्छ) व 3/1 सक (सिद्ध)2/2 अव्यय (अणगार) 2/2 (जीव) 7/2 [(स)-(अणुकंप) 1/1] (उवओग) 1/1 (त) 1/1 सवि (सुह) 1/1 वि (त) 6/1 स
= जानता है = जितेन्द्रियों को = समझता है = सिद्धों को = उसी प्रकार = साधुओं को = जीवों में = अनुकम्पा (करुणा) सहित = उपयोग
= वह
= शुभ
तस्स
- उसका
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग - 2
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