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दीवो हत्थकओ निप्फलो
(दीव) 1/1 [(हत्थ)-(कअ) भूकृ 1/1 अनि] (निप्फल) 1/1 वि
= दीपक . = हाथ में पकड़ा हुआ = निष्फल
च्चेय
ही
अव्यय
39. परलोयगयाणं
[(परलोय)-(गय) भूकृ 6/2 अनि] अव्यय
= परलोक में गये हुए
पि
अव्यय
= निश्चय ही.. .
..
पच्छत्ताओ
(पच्छत्ताअ) 1/1
= पश्चाताप .
अव्यय
= नहीं
पुरुषों के
जिनके
= गुणों के उत्साह से
जीते हैं वंश में
• = उत्पन्न
ताण
(त) 6/2 सवि पुरिसाणं
(पुंरिस) 6/2 जाण
(ज) 6/2 सवि गुणुच्छाहेणं
[(गुण)+ (उच्छाहेणं)]
[(गुण)-(उच्छाह) 3/1] जियंति (जिय) व 3/2 अक वंसे
(वंस) 7/1 समुप्पन्ना (समुप्पन्न) भूकृ 1/2 अनि 40. सज्जणसलाहणिज्जे [(सज्जण)-(सलाह)
विधि कृ. 7/1] (पय) 7/1 (अप्प) 1/1
अव्यय ठाविओ (ठाव) भूकृ 1/1 जेहिं
(ज) 3/2 स (सुसमत्थ) 1/2 वि (ज) 1/2 स
पयम्मि
अप्पा
= सज्जनों के द्वारा प्रशंसा किए जाने योग्य = मार्ग पर = आत्मा = नहीं = स्थापित की गई (है) = जिनके द्वारा
सुसमत्था
सुसमर्थ
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अव्यय
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग - 2
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