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17.8
बिहिं
दोनों
बलहं
सेनाओं के बीच में
मज्झि
मुयइ
छोड़ता है (छोड़ेगा)
बाण
(बि') 6/1 (बल) 6/2 (मज्झ) 7/1 (ज) 1/1 सवि (मुय) व 3/1 सक (बाण) 2/2 (त) 4/1 स (हो) भवि 3/1 अक (रिसह) 6/1 (स्त्री) परसर्ग (आण) स्त्री 1/1
बाण
तह
उसके लिए
होसइ
होगी
रिसहह
ऋषभदेव की
तणिय
सम्बन्धसूचक सौगन्ध
आण
उसको
णिसुणिवि सेण्णइं सारियाई
(त) 2/1 स (णिसुण+इवि) संकृ (सेण्ण) 1/2 (सार-सारिय) भूकृ 1/2 (चड-चडिय) भूकृ 1/2 (चाव) 1/2 (उत्तार- उत्तारिय) भूकृ 1/2
सुनकर सेनाएँ हटाई गई
चडियई
चढ़े हुए
धनुष
चावई उत्तरायिाई
उतारे गए
उसको सुनकर वेग से भरी हुई
(त) 2/1 स णिसुणिवि
(णिसुण+इवि) संकृ रहसाऊरियाई
[(रहस)+(आऊरियाई)]
[(रहस)-(आऊर) भूक 1/2] वज्जतई
(वज्ज-वज्जंत) व 1/2 1. एकवचन का बहुवचन अर्थ में प्रयोग हुआ है।
वृहत् हिन्दी कोष।
बजती हुई
2.
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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