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पल्हत्थउ
(पल्हत्थअ) भूकृ 1/1 अनि 'अ' स्वार्थिक
मार गिराया गया
2.
तेण
समाणु
विणिग्गय-णामेहिँ
(त) 3/1 स अव्यय [[(विणिग्गय) भूकृ अनि-(णाम) 3/2] वि] (दि8) भूकृ 1/1 अनि (दसाणण) 1/1 [(लक्खण)-(राम) 3/2]
उसके साथ फैले हुए नामवाले (विख्यात) देखा गया
दिछु
रावण
दसाणणु लक्खण-रामेहि
राम और लक्ष्मण द्वारा
3.
देखे गए
दिट्टई स-मउड-सिरई पलोट्टई णाई स-केसराई कन्दोट्टई
(दिट्ठ) भूकृ 1/12 अनि [(स-मउड) वि-(सिर) 1/2] (पलोट्ट) भूकृ 1/2 अनि अव्यय (स-केसर) 1/2 वि (कन्दोट्ट) 1/2
मुकुटसहित सिर जमीन पर गिरे हुए मानो पराग-सहित .
कमल
दिई भालयलई पायडियइँ अद्धयन्द-विम्बाई
(दि8) भूकृ 1/2 अनि (भालयल) 1/2 (पायड-पायडिय) भूक 1/2 [(अद्धयन्द)-(विम्व) 1/2] अव्यय (पड-पडिय) भूकृ 1/2
देखे गए भाल, ललाट खुले हुए अर्द्धचन्द्र के प्रतिबिम्ब मानो पड़े हुए
पडियई
दिई मणि-कुण्डलहैं
(दिट्ट) भूकृ 1/2 अनि [(मणि)-(कुण्डल) 1/2]
देखे गए मणियों से (बने हुए) कुण्डल
1. 2.
साथ (समाणु) के योग में तृतीया विभक्ति का प्रयोग किया गया है। कभी-कभी समास के अन्त में 'यल' लगाने से अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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