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5.
हारु
খ এ
ण
तुटु
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तारायणु
गयणङ्गणु
6.
चक्कु
ण
दुक्कु
ढुक्कु
एक्कन्तरु
आउ
ण
खुट्टु
खुट्टु
रयणायरु
7.
जीउ
ण
गउ
गउ
आसा-पोट्टलु
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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(हार) 1/1
अव्यय
( तुट्ट) भूकृ 1 / 1 अनि
(तुट्ट) भूकृ 1 / 1 अनि
[(तारा) - ( अण - यण) 1 / 1 ] (हियअ) 1 / 1
अव्यय
(भिण्ण) भूक 1 / 1 अनि
( भिण्ण) भूकृ 1 / 1 अनि
[ ( गयण) + (अङ्गणु) ] [ ( गयण) - ( अङ्गण) 1 / 1]
(चक्क) 1/1
अव्यय
(ढुक्क) भूकृ 1 / 1 अनि
(ढुक्क ) भूक 1 / 1 अनि
(जीअ ) 1/1
अव्यय
(गअ ) भूकृ 1 / 1 अनि
(गअ) भूकृ 1 / 1
अनि
[(आसा) - (पोट्टल ) 1 / 1]
हार
नहीं
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टूटा
टूट गए
तारागण
हृदय
नहीं
भंग किया गया
भंग कर दिया गया
आकाश प्रदेश
[ ( एक्क) + (अन्तरु) ] एक्क (एक्क) 1/1 एक,
अन्तरु (अन्तर) 1/1
(आउ) 1/1
अव्यय
(खुट्ट) भूकृ 1 / 1 अनि
(खुट्ट) भूकृ 1 / 1 अनि
( रयणायर) 1/1
चक्र
नहीं
आया (पहुँचा )
आ पहुँची
परिवर्तित दशा
आयु
नहीं
क्षीण हुई
क्षीण हो गया
सागर
जीवन
नहीं
विदा हुआ
विदा हो गई
आशाओं की पोटली
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