________________
मुओऽसि
[(मुओ)+(असि)] मुओ (मुअ) भूकृ 1/1 अनि
असि (अस) व 2/1 अक (मुअ-मुअअ) भूकृ 1/1 अनि 'अ' स्वा. मर गया [(वन्द) भूकृ - (जण) 1/1] सम्मानित जन-समुदाय
मुअउ वन्दिय-जणु
पडिओऽसि
पडे
(तुम्ह) 1/1 स [(पडिओ)+(असि)] पडिओ (पड-पडिअ) भूकृ 1/1 असि (अस) व 2/1 अक अव्यय (पड-पडिअ) भूकृ 1/1 (पुरन्दर) 1/1 (मउड) 1/1
नहीं
पडिउ
पड़ा
पुरन्दरु
मउडु
मुकुट नहीं
अव्यय
• भग्गु
भग्गु गिरि-मन्दरु
(भग्ग) भूक 1/1 अनि (भग्ग) भूकृ 1/1 अनि [(गिरि)-(मन्दर) 1/1]
टुकड़े-टुकड़े किया गया टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया सुमेरु पर्वत
दिहि
विचार-पद्धति
नहीं
णट्ठ
समाप्त हुई समाप्त हो गई
लङ्काउरि
लंकापुरी
(दिट्ठि) 1/1 अव्यय (णट्ठ) भूकृ 1/1 अनि (ण8) भूकृ 1/1 अनि (लङ्काउरी) 1/1 (वाया) 1/1
अव्यय (ण) भूक 1/1 अनि (णट्ठ) भूकृ 1/1 अनि (मन्दोयरी) 1/1
वाय
वाणी
नहीं
ट्ठ
णट्ठ
नष्ट हुई नष्ट हो गई मन्दोदरी
मन्दोयरि
171
अपभ्रंश काव्य सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org