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(धणु) 1/1
अव्यय
धनुष पादपूरक प्रत्यञ्चा से
(गुण) 3/1 अव्यय (वङ्क) 1/1 वि (था) व 3/1 अक
पादपूरक बांका रहता है
पुत्री
(दुहिया) 1/1 अव्यय (दुहिय- (स्त्री) दुहिया) 1/1 वि (माया) 1/1
दुहिय
पादपूरक दुःखी करनेवाली मोह-जाल
माया
वि
अव्यय
पादपूरक
माय
माता
समान-हिस्सा
सम-भाउ लेन्ति किर
लेते हैं
(माया) 1/1 [(सम) वि-(भाअ) 2/1] (ले) व 3/2 सक अव्यय अव्यय (भाय) 1/2
तेण
चूँकि इसलिए भाई
भाय
9.
आयइँ
अवर
इनको दूसरे (अन्य) पादपूरक
भी
सव्वइँ राहवहो समप्पेवि अप्पुणु
(आय) 2/2 सवि (अवर) 2/2 वि अव्यय अव्यय (सव्व) 2/2 सवि (राहव) 4/1 (समप्प+एवि) संकृ (अप्पुण) 1/1 स (तअ) 2/1 (कर) व 1/1 सक (थिअ) भूकृ 1/1 अनि
सबको राम के लिए (को) देकर
स्वयं
तउ
तप
करमि
करता हूँ (करूँगा)
थिउ
स्थिर हुए
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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