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________________ 20. वोतोडवो 3/21 वोतोडवो [(वा)-+ (उतः) + (डवो)] वा=विकल्प से उत: (उत्) 5/1 डवो (डवो) 1/1 (प्राकृत में) उकारान्त से परे (जस् के स्थान पर) डवो→प्रको विकल्प से (होता उकारान्त पुल्लिग शब्दों से परे जस् (प्रथमा बहुवचन का प्रत्यय) के स्थान पर अवो विकल्प से होता है। साहु (पु.)-(साहु+जस्)=(साहु-+अवो =साहवो (प्रथमा बहुवचन) सयंभू (पु.)--(सयंभू+जस्)= (सयंभू+अवो) =सयंभवो (प्रथमा बहुवचन) 21. जस्-शसोर्णो वा 3/22 जस् शसोयो वा [(शसोः)+ (णो)] वा विकल्प से [(जस्)-(शस्) 6/2] गो (णो) 1/1 वा=विकल्प से (प्राकृत में) (इकारान्त-उकारान्त पुल्लिग शब्दों से परे) जस् और शस के स्थान पर णो विकल्प से (होता है)। इकारान्त-उकारान्त पुल्लिग शब्दों से परे जस् (प्रथमा बहुवचन के प्रत्यय) और शस् (द्वितीया बहुवचन के प्रत्यय) के स्थान पर रगो विकल्प से होता है । दीर्घ स्वर ह्रस्व हो जाता है (3/43) और ह्रस्व स्वर दीर्घ नहीं होता है (3/125)। हरि (पु.) -(हरि-+ जस्)=(हरि ---णो) हरिणो (प्रथमा बहुवचन) (हरि + शस्)=(हरि+णो) हरिणो (द्वितीया बहुवचन) - साहु (पु.)-(साहु +-जस्)=(साहु + णो) साहुणो (प्रथमा बहुवचन) (साहु+शस्)= (साहु +णो) =साहुणो (द्वितीया बहुवचन) ___ गामणी (पु)-(गामणी--- जस्)=(गामणी+णो)=गामणिणो . (प्रथमा बहुवचन) (गामणी+शस्)= (गामणी+णो) =गामणिरणो (द्वितीया बहुवचन) 20 1 [ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002688
Book TitlePraudh Prakrit Rachna Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1999
Total Pages248
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
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