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विसर्ग सन्धि 11. यदि विसर्ग से पहले प्र या प्रा के अतिरिक्त इ, ए, प्रो प्रादि स्वर हों और
विसर्ग के बाद अादि स्वर अथवा म, ण, न्, ज, ड्, द्, ल, व् आदि व्यंजन हों तो विसर्ग का र् हो जाता है
स्सयो+अत् = स्सयोरत् (सूत्र-3/74) ङ:+मेन ____ = ॐ र्मेन (सूत्र-3/75) प्रामोः+ण = आमोण (सूत्र-3/6) डी:+न = डीन (सूत्र-3/31) इ:+जस्य = इर्जस्य (सूत्र-3/52) ङ:+डाहे = [हे (सूत्र-3/65) द्व+दो = =(सूत्र-3/119) ङसे+लुक्. = ङसेलुक् (सूत्र-3/126) ङ:+वा
= ङा (सूत्र-3/132)
12. यदि विसर्ग से पहले प्रया प्रा और बाद में कोई स्वर अथवा ऊ, म् आदि हों तो विसर्ग का लोप हो जाता है
नातः+प्रात् = नात पात् (सूत्र-3/30) इदमः+इमः = इदम इमः (सूत्र-3/72) वापः+ए = वाप ए (सूत्र-3/41) तुम्माः + ङसो = तुब्मा ङसो (सूत्र-3/96) तुम्होरहोम्हा:+म्यसि-तुम्होरहोम्हा भ्यसि (सूत्र-3198)
13. यदि विसर्ग से पहले प्र हो और विसर्ग के बाद म, 5, ण, ड्, द, र, व, ह आदि हों तो प्र और विसर्ग मिलकर प्रो हो जाता है
ह्रस्वः+मि = ह्रस्वो मि (सूत्र-3/36) यत्तद्य.+ङसः = यतद्भ्योङसः (सूत्र-3/63) ट:+णा = टोणा (सूत्र-3/24)
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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