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(vii) उनसठ (एगूणसट्ठि) से निन्नानवे तक के शब्दों के रूप 'सट्ठि' के अनुसार
चलेंगे। इनके रूप एकवचन और बहुवचन दोनों में स्त्रीलिंग 'मइ' के समान प्रयुक्त होते हैं
सट्ठि (तीनों लिंगों में)
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
सट्ठी (3/19)
सट्ठी (3/124, 3/4, 3/12), सट्ठीउ, सट्ठीग्रो (3/27)
द्वितीया
सट्ठि (3/124, 3/5)
सट्ठी (3/124, 3/4, 3/12), सट्ठीउ, सट्ठीग्रो (3/27)
तृतीया
सट्ठी, सट्ठीया, सट्ठीइ, सट्ठीहि, सट्ठीहिं, सट्ठीहि सट्ठीए (3/29)
(3/124, 3/7, 3/16)
चतुर्थी व सट्ठी, सट्ठीया, सट्ठीइ, सट्ठीण (3/124, 3/6, 3/12), षष्ठी सट्ठीए (3/29) सट्ठीणं ( 1/27)
पंचमी
सट्ठी, सट्ठीग्रा, सट्ठीइ, सत्तिो , सट्ठीग्रो, सट्ठीउ, सट्ठीए (3/29), सट्ठीहितो, सट्ठीसुन्तो (3/124, सद्वित्तो, सट्ठीग्रो, 3/9, 3/16, 3/127) सट्ठीउ, सट्ठीहितो सट्ठीदो, सट्ठीदु (3/124, 3/9) (3/124, 3/8, 3/12, 3/126, 3/127) सट्ठीदो, सट्ठीदु (3/124, 3/8)
सप्तमी
सट्ठी, सट्ठीया, सट्ठीइ, सट्ठीसु (4/448), सट्ठीए (3/29)
सट्ठीसुं (1/27)
प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ ]
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