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पाठ 44 भूतकालिक कृदन्त (भाववाच्य में प्रयोग)
संज्ञाएँ
सर्वनाम अकारान्त पुल्लिंग नरिंद
हउं (पुरुषवाचक सर्वनाम
उत्तम पुरुष, प्रथमा एकवचन) अकारान्त नपुंसकलिंग कमल
तुहं (पुरुषवाचक सर्वनाम
मध्यम पुरुष, प्रथमा एकवचन) आकारान्त स्त्रीलिंग ससा
सो (पुरुष), सा (स्त्री) (पुरुषवाचक
सर्वनाम-अन्य पुरुष, प्रथमा एकवचन) अकर्मक क्रियाएँ
हस = हँसना, जग्ग = जागना, विअस = खिलना, वड्ढ = बढ़ना (1)
नपुंसकलिंग एकवचन नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं हसिअ/हसिआ/हसिउ = राजा के द्वारा हँसा गया। कमलें/कमलेण/कमलेणं विअसिअ/विअसिआ/ = कमल द्वारा खिला गया।
विअसिउ ससाए/ससए
जग्गिअ/जग्गिआ/जग्गिउ = बहिन के द्वारा जागा गया।
हसिअ/हसिआ/हसिउ = मेरे द्वारा हँसा गया। . पई/तई
हसिअ/हसिआ/हसिउ = तुम्हारे द्वारा हँसा गया। तें/तेण/तेणं
हसिअ/हसिआ/हसिउ = उसके द्वारा हँसा गया। ताए/तए
हसिअ/हसिआ/हसिउ = उस (स्त्री) के द्वारा हँसा
गया।
नपुंसकलिंग एकवचन हसिअ/हसिआ/हसिउ
= राजाओं के द्वारा हँसा गया।
(2) नरिंदहिं/नरिंदाहिं/ नरिंदेहिं कमलहिं/कमलाहिं/ कमलेंहि ससाहिं/ससहिं
= कमलों द्वारा खिला गया।
विअसिअ/विअसिआ विअसिउ हसिअ/हसिआ/हसिउ
= बहिनों द्वारा हँसा गया।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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