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हसिअ/हसिआ/हसिउ = हमारे द्वारा हँसा गया। हसिअ/हसिआ/हसिउ = तुम्हारे द्वारा हँसा गया। हसिअ/हसिआ/हसिउ __= उनके द्वारा हँसा गया। हसिअ/हसिआ/हसिउ . = उन (स्त्रियों) के द्वारा हँसा गया।
हिं/ताहिं/तेहिं बाहिं/तहिं
मई
(क) नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं (अकारान्त पुल्लिग-तृतीया एकवचन)
कमलें/कमलेण/कमलेणं (अकारान्त नपुंसकलिंग-तृतीया एकवचन) ससाए/ससए (आकारान्त स्त्रीलिंग-तृतीया एकवचन) (उत्तम पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन
(पुल्लिग-स्त्रीलिंग)। पइं/तई (मध्यम पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन
(पुल्लिग-स्त्रीलिंग)। तें/तेण/तेणं (अन्य पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन(पुल्लिग)। ताए/तए
(अन्य पुरुष सर्वनाम-तृतीया एकवचन (स्त्रीलिंग)। __ तृतीया एकवचन बनाने के लिए अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों में एं, ण, और णं प्रत्यय जोड़े जाते हैं, ण और णं जोड़ने पर अन्त्य 'अ' का 'ए' हो जाता है (नरिंदें, नरिंदेण, नरिंदेणं), (कमलें, कमलेण, कमलेणं)। आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के एकवचन में 'ए' प्रत्यय जोड़ा जाता है। 'ए' प्रत्यय जोड़ने पर अन्त्य 'आ' 'अ' भी हो जाता है (ससाए, ससए)। अन्य पुरुष सर्वनाम के लिए यही नियम समझ लेना चाहिए। बाकी उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष सर्वनाम को इसी प्रकार
याद कर लेना चाहिए। (ख) तृतीया बहुवचन बनाने के लिए अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा
शब्दों में तथा आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में 'हिं' प्रत्यय जोड़ा जाता है, 'हिं' जोड़ने पर अकारान्त शब्दों का अन्त्य 'अ', 'ए' भी हो जाता है तथा 'आ' भी हो जाता है (नरिंदहिं, नरिंदेहि, नरिंदाहिं; कमलहिं, कमलेहिं, कमलाहिं)।
तृतीया बहुवचन बनाने के लिए उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के सर्वनामों में भी 'हिं' प्रत्यय जोड़ा जाता है। तीनों पुरुषों में 'हिं'
अपभ्रंश रचना सौरभ
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