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ससा
(वर्तमानकाल) थक्कहिं/आदि = बहिनें नाचती हुई थकती हैं।
__ (विधि एवं आज्ञा) थक्कन्तु = बहिनें नाचती हुई थकें।
(भूतकाल-भूतकृदन्त)
सस
ससाउ
णच्चन्ता/णच्चन्त/ णच्चन्ताउ/णच्चन्तउ/ णच्चन्ताओ/णच्चन्तओ
ससउ ससाआ ससओ
थक्किआ/आदि = बहिनें नाचती हुई थकीं।
(भविष्यत्काल) थक्केसहिं/आदि = बहिनें नाचती हुई थकेगी।
3.
उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं। उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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