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पाठ 40
अभ्यास
निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए - (क) - (1) सीता शोभती है।
(2) बहिन छीजती है। (3) माता प्रसन्न होती है। (4) वाणी थकती है। (5) आज्ञा प्रकट होती है। (6) लक्ष्मी घटती है। (7) दया छूटती है।
(8) गंगा फैलती है। (9) बुढ़ापा बढ़ता है।
(10) सायंकाल होता है। (11) कन्याएँ रुकती हैं। (12) झोपड़ियाँ जलती हैं। (13) छोटे घड़े टूटते हैं। (14) पुत्रियाँ खाँसती हैं। (15) अभिलाषाएँ बढ़ती हैं। (16) परीक्षाएँ होती हैं। (17) सायंकाल शोभता है। (18) वाणियाँ सिद्ध होती हैं। (19) नदियाँ सूखती हैं। (20) महिलाएँ प्रयत्न करती हैं। (ख)(1) श्रद्धा बढ़े।
(2) भूख शान्त होवे। (3) मदिरा छूटे।
(4) बेटी प्रसन्न हो। (5) स्त्रियाँ तप करें।
(6) प्रज्ञा सिद्ध हो। (7) अभिलाषाएँ घटें।
(8) वाणियाँ प्रकट हों। (9) महिलाएँ उत्साहित हों। (10) झोपड़ियाँ घटें। (ग) - (1) शिक्षा फैलेगी।
(2) अभिलाषाएँ शान्त होंगी। (3) नदियाँ सूखेंगी।
(4) प्यास लगेगी। (5) लक्ष्मी कम होगी।
(6) परीक्षाएँ होंगी। (7) दया फैलेगी।
(8) गुफाएँ नष्ट होंगी। (9) कन्याएँ देर करेंगी।
(10) बहिनें ठहरेंगी।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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