________________
पाठ 2
सर्वनाम
मध्यम पुरुष एकवचन
तुहुं = तुम अकर्मक क्रियाएँ
हस = हँसना, रूस = रूसना, जीव = जीना
णच्च = नाचना
सय = सोना, लुक्क = छिपना,
जम्ग = जागना
वर्तमानकाल
.
..
..
हसहि/हससि/हससे/हसेसि = तुम हँसते हो/हँसती हो। -सयहि/सयसि/सयसे/सयेसि = तुम सोते हो/सोती हो।
णच्चहि/णच्चसि/णच्चसे/णच्चेसि = तुम नाचते हो/नाचती हो। रूसहि/रूससि/रूससे/रूसेसि = तुम रूसते हो/रूसती हो। लुक्कहि/लुक्कसि/लुक्कसे/लुक्केसि = तुम छिपते हो/छिपती हो। जग्गहि/जग्गसि/जग्गसे/जग्गेसि __= तुम जागते हो/जागती हो। जीवहि/जीवसि/जीवसे/जीवेसि = तुम जीते हो/जीती हो।
Co..
तुहुं = तुम, मध्यम पुरुष एकवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम)। वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष एकवचन में 'हि', 'सि' और 'से' प्रत्यय क्रिया में लगते हैं। 'सि' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है। यदि क्रिया के अन्त में 'अ' न हो, तो 'से' प्रत्यय नहीं लगता है (देखें पाठ - 4) उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं। उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। इनमें कर्ता 'तुहुं' के अनुसार क्रियाओं के पुरुष
और वचन हैं। यहाँ 'तुहुं' मध्यम पुरुष एकवचन में है, तो क्रियाएँ भी मध्यम पुरुष एकवचन में हैं।
अपभ्रंश रचना सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org