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________________ हउं = मैं अकर्मक क्रियाएँ 1. 2. 3. 4. हस = हँसना, रूस = रूसना, जीव जीना = a. a. हउं हउं हउं ह ह पाठ 1 सर्वनाम सय = सोना, लुक्क = छिपना, अपभ्रंश रचना सौरभ वर्तमानकाल Jain Education International सउं / समि / हसामि / हसेमि सयउं/सयमि/सयामि/सयेमि णच्चउं/ णच्चमि /णच्चामि / णच्चेमि रूसउं / रूसमि/रूसामि / रूसेमि लुक्कउं/लुक्कमि/लुक्कामि / लुक्केमि जग्गउं / जग्गमि / जग्गामि / जग्गेमि जीवउं / जीवम / जीवामि / जीवेमि णच्च = नाचना जग्ग = जागना = - = = For Private & Personal Use Only उत्तम पुरुष एकवचन मैं हँसता हूँ / हँसती हूँ। -- मैं सोता हूँ / सोती हूँ। मैं नाचता हूँ / नाचती हूँ। मैं रूसता हूँ / रूसती हूँ। = मैं छिपता हूँ / छिपती हूँ। = मैं जागता हूँ / जागती हूँ। हउं = मैं, उत्तम पुरुष एकवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम ) । वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष एकवचन में उं और मि प्रत्यय क्रिया में लगते हैं । 'मि' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का आ और ए भी हो जाता है। उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं। अकर्मक क्रिया वह होती है जिसका कोई कर्म नहीं होता और जिसका प्रभाव कर्ता पर ही पड़ता है। 'मैं हँसता हूँ' इसमें हँसने का प्रभाव 'मैं' पर ही पड़ता है। इस वाक्य में हँसने की क्रिया का कोई कर्म नहीं है। मैं जीता हूँ / जीती हूँ। उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। इनमें कर्ता 'हउं' के अनुसार क्रियाओं के पुरुष और वचन हैं। यहाँ 'हउं' उत्तम पुरुष एकवचन में है, तो क्रियाएँ भी उत्तम पुरुष एकवचन में हैं। 1 www.jainelibrary.org
SR No.002687
Book TitleApbhramsa Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages246
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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