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कारक
क्रिया
काल
अपभ्रंश भाषा में आठ कारक होते हैं -
विभक्ति
vil
1.
कारक
कर्त्ता
कर्म
अपभ्रंश भाषा में भूतकाल प्रयोग बहुलता से किया गया है।
शब्द
प्रथमा
2.
द्वितीया
3.
तृतीया
करण
4.
चतुर्थी
संप्रदान
5.
पंचमी
अपादान
6.
षष्ठी
सम्बन्ध
का, के, की
7.
सप्तमी
अधिकरण
में, पर
8.
सम्बोधन
सम्बोधन
हे, अरे, भो
अपभ्रंश में चतुर्थी और षष्ठी विभक्ति के लिये एक ही प्रत्यय है ।
कारक -1
ने
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अपभ्रंश भाषा में दो प्रकार की क्रियाएँ होती हैं- सकर्मक और अकर्मक ।
अपभ्रंश भाषा में चार प्रकार के काल वर्णित हैं -
1.
वर्तमानकाल
3. भविष्यत्काल
5-चिह्न
को
से, द्वारा आदि
के लिए
से
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अपभ्रंश में चार प्रकार के शब्द पाए जाते हैं
1. अकारान्त
2. आकारान्त
3. इकारान्त (इ, ई )
4. उकारान्त (उ, ऊ)
2. भूतकाल
4. विधि एवं आज्ञा
को व्यक्त करने के लिये भूतकालिक कृदन्त का
अपभ्रंश रचना सौरभ
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