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पाठ 77
प्रेरणार्थक प्रत्यय (क) सामान्य क्रियाओं के प्रेरणार्थक प्रत्यय क्रियाएँ
प्रत्यय
अआव
अ
आव
हस = हँसना
भिड = भिड़ना
लुक्क = छिपना
रूस = रूसना
हस+अ = हास (हँसाना) हस+आव = हसाव (हँसाना) (उपान्त्य 'अ' का 'आ' हो जाता है) भिड+अ = भेड (भिड़ाना) भिड+आव = भिडाव (भिड़ाना) (उपान्त्य, 'इ' का 'ए' हो जाता है) लुक्क+अ = लोक्क लुक्क+आव = लुक्काव (छिपाना) (उपान्त्य 'उ' का 'ओ' हो जाता है) रूस+अ = रूस
रूस+आव = रूसाव (रुसाना) (दीर्घ 'ऊ' में कोई परिवर्तन नहीं होता है) जीव+अ = जीव
जीव+आव = जीवाव (जिलाना) (दीर्घ 'ई' में कोई परिवर्तन नहीं होता है) ठा+अ = ठाअ (ठहराना) ठा+आव = ठाव (ठहराना) णच्च+अ = णाच्च-णच्च णच्च+आव = णच्चाव (नचाना) (उपान्त्य 'अ' का 'आ' होता है, पर संयुक्ताक्षर आगे होने पर 'अ' ही रहता है)
जीव = जीना
ठा = ठहरना
णच्च = नाचना
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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