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पाठ 76
संज्ञा
संज्ञा शब्द सम्बोधन एकवचन व बहुवचन
1.
2.
3.
अभ्यास
1.
संबोधन के एकवचन में प्रथमा एकवचन के ही प्रत्यय लगाये जाते हैं।
संबोधन के बहुवचन में प्रथमा बहुवचन के प्रत्ययों के अतिरिक्त 'हो' प्रत्यय भी लगाया जाता है।
हे राजा
नरिंदु / नरिंदो
नरिंद / नरिंदा
पुत्ती / पुत्ति
साहो / साहूहो
सर्वनाम शब्दों का संबोधन नहीं होता है।
हे पुत्री
(1) हे स्वामी ! आप हमारी रक्षा करें। (2) हे राजा ! आपके राज्य में सुख नहीं है।
(3) हे मित्र ! तुम मेरे घर पर आओ ।
(4) हे माता ! तुम बालकों को पालो । (5) हे सीता ! जंगल में बहुत दुःख है । (6) हे पुत्र ! सत्य बोलो
(7) हे युवती ! तुम हँसो। (8) बालको ! तुम सब पुस्तकें पढ़ो ।
(9) मित्रो ! आप सब राज्य से डरो। (10) साधुओ ! संयम पालो ।
साधुओ
अपभ्रंश रचना सौरभ
संबोधन में किसी को पुकारना या बुलाना प्रकट होता है। इसके चिह्न हैं - हे !, अरे !, ओ ! आदि ।
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