________________
वर्तमानकाल बहुवचन
अम्हे/अम्हइं
कोकिज्जहुं/आदि
= राजा के द्वारा हम
बुलाये जाते हैं।
नरिंदें
तुम्हे/तुम्हई
कोकिज्जहु/आदि
= राजा के द्वारा तुम (सब) बुलाए जाते हो।
नरिंदेण
त/ता
कोकिज्जन्ति कोकिज्जहिं/आदि
= राजा के द्वारा वे
बुलाये जाते हैं।
नरिंदेणं
ता/त/ताओ/ तओ/ताउ/तउ
कोकिज्जन्ति/ कोकिज्जहिं/आदि
= राजा के द्वारा वे
बुलाई जाती हैं।
नोट - (1) इसी प्रकार कर्तृवाच्य में कर्म में द्वितीया बहुवचन को दूसरे वाक्यों में प्रयोग
कर लेना चाहिए। (2) विधि एवं आज्ञा में विधि एवं आज्ञा के प्रत्यय लगा देने चाहिए (तीनों पुरुषों
एवं दोनों वचनों में)। उपर्युक्त वाक्यों में इकारान्त और उकारान्त पुल्लिंग शब्दों का प्रथमा एकवचन
और तृतीया एकवचन में प्रयोग किया गया है। (1) इकारान्त पुल्लिंग शब्दों से प्रथमा एकवचन बनाने के लिए '0', 0-दीर्घ
(इ-ई) प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे - हरि, हरी तथा तृतीया एकवचन बनाने के लिए अनुस्वार (-), (-)-ई, ‘एं', 'एं'-ईएं, 'ण', ण-ईण, ‘णं', णं-ईणं प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे - हरि, हरी, हरिएं, हरीएं, हरिण, हरीण,
हरिणं, हरीणं।
उपर्युक्त सभी क्रियाएँ सकर्मक हैं। 3. इकारान्त और उकारान्त पुल्लिंग शब्दों से तृतीया बहुवचन बनाने के लिए 'हिं',
हिं-ईहिं, 'हिं', हिं-ऊहिं प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसे- हरिहिं, हरीहिं, साहुहिं, साहूहिं।
108
अपभ्रंश रचना सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org