________________
पाठ 54
संज्ञा (सकर्मक क्रियाएँ)
(1)
इकारान्त संज्ञा शब्द (पुल्लिंग)
(2) उकारान्त संज्ञा शब्द (पुल्लिग)
सामि = मालिक, रहुवइ = रघुपति, कई = कवि, करि = हाथी, मुणि = मुनि, जोगि = योगी, पइ = पति, ससि = चन्द्रमा, हत्थि = हाथी, पाणि = प्राणी, भाइ = भाई, केसरि = सिंह, गिरि = पर्वत, रिसि = मुनि, जइ = यति, तवस्सि = तपस्वी, नरवइ = राजा, सेणावइ = सेनापति, अरि = शत्रु, मंति = मन्त्री, विहि = विधि,
जंतु = प्राणी बिन्दु = बूंद मच्चु = मृत्यु सत्तु = शत्रु रिउ = दुश्मन सूणु = पुत्र गुरु = गुरु धणु = धनुष तरु = पेड़ करेणु = हाथी तेउ = तेज पहु = प्रभु पिउ = पिता फरसु = कुल्हाड़ा मेरु = पर्वत विशेष विज्जु = बिजली साहु = साधु वाउ = वायु जामाउ = दामाद जंबु = जामुन रहु = रघु
अपभ्रंश रचना सौरभ
109
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org