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माया
माय
(2)
करहु
करहो
करह
करहा
नरिंदु
नरिंदो
नरिंद
नरिंदा
माया
माय
(3)
} नरिंद/नरिंदा / नरिंदु
नरिंदु
नरिंदो
नरिंद
नरिंदा
रज्ज
रज्जा
रज्जु
माया
माय
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अकारान्त नपुंसकलिंग
(द्वितीया एकवचन)
}
तिण/तिणा/तिणु
रज्ज / रज्जा / रज्जु
} भोयण/भोयणा/भोयणु
आकारान्त स्त्रीलिंग
(द्वितीया एकवचन)
माया / माय
सिक्खा / सिक्ख
कहा / कह
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पणमइ = माता राजा को प्रणाम करती है।
वर्तमानकाल
चरइ = ऊँट घास चरता है।
रक्खइ = राजा राज्य की रक्षा करता है ।
खाइ = माता भोजन खाती है।
वर्तमानकाल
पणमइ = राजा माता को प्रणाम करता है।
जाणइ = राज्य शिक्षा को समझता है।
सुणइ = माता कथा सुनती है।
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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