SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 108
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (1) विधि कृदन्त के परिवर्तनीय रूप नपुंसकलिंग एकवचन नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं कमलें/कमलेण/कमलेणं ससाए/ससए राजा के द्वारा हँसा हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु जाना चाहिए। विअसिअव्व/विअसिअव्वा/विअसिअव्वु कमल के द्वारा खिला विअसेअव्व/विअसेअव्वा/विअसेअब्बु जाना चाहिए। जग्गिअव्व/जग्गिअव्वा/जग्गिअब्बु बहिन के द्वारा जागा जग्गेअव्व/जग्गेअव्वा/जग्गेअब्बु जाना चाहिए। हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु मेरे द्वारा हँसा जाना हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु *चाहिए। हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु तुम्हारे द्वारा हँसा हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअब्बु जाना चाहिए। हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु उसके द्वरा हँसा हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु जाना चाहिए। हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्बु उस (स्त्री) के द्वारा हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु हँसा जाना चाहिए। पई/तई तें/तेण/तेणं ताए/तए (2) विधि कृदन्त के अपरिवर्तनीय रूप नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा = राजा के द्वारा हँसा जाना चाहिए। कमलें/कमलेण/कमलेणं विअसिएव्वउं/विअसेव्वउं/विअसेवा = कमल के द्वारा खिला जाना चाहिए। ससाए/सरसए जग्गिएव्वउं/जग्गेव्वउं/जग्गेवा = बहिन के द्वारा जागा जाना चाहिए। हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा = मेरे द्वारा हँसा जाना चाहिए। पई/तई हसिएव्वउं/हसेल्वउं/हसेवा = तुम्हारे द्वारा हँसा जाना चाहिए। अपभ्रंश रचना सौरभ 89 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002687
Book TitleApbhramsa Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages246
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy