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________________ एकवचन नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं कमलें/कमलेण/कमलेणं ससाए/ससए पइं/तई तें/तेण/तेणं ताए/तए नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं कमलें/कमलेण/कमलेणं ससाए/ससए वर्तमानकाल हसिज्जइ/हसियइ . = राजा के द्वारा हँसा जाता है। विअसिज्जइ/विअसियइ = कमल द्वारा खिला जाता है। जग्गिज्जइ/जग्गियइ ___= बहिन द्वारा जागा जाता है। हसिज्जइ/हसियइ = मेरे द्वारा हँसा जाता है। हसिज्जइ/हसियइ = तुम्हारे द्वारा हँसा जाता है। हसिज्जइ/हसियइ = उसके द्वारा हँसा जाता है। हसिज्जइ/हसियइ = उस (स्त्री) के द्वारा हँसा जाता है। विधि एवं आज्ञा हसिज्जउ/हसियउ = राजा के द्वारा हँसा जाए। विअसिज्जउ/विअसियउ = कमल द्वारा खिला जाए। जग्गिज्जउ/जग्गियउ = बहिन के द्वारा जागा जाए। हसिज्जउ/हसियउ मेरे द्वारा हँसा जाए। हसिज्जउ/हसियउ ___= तुम्हारे द्वारा हँसा जाए। हसिज्जउ/हसियउ = उसके द्वारा हँसा जाए। हसिज्जउ/हसियउ उस (स्त्री) के द्वारा हँसा जाए। भविष्यत्काल हसेसइ/आदि = राजा के द्वारा हँसा जायेगा विअसेसइ/आदि = कमल द्वारा खिला जायेगा जग्गेसइ/आदि = बहिन द्वारा जागा जायेगा। हसेसइ/आदि = मेरे द्वारा हँसा जायेगा। हसेसइ/आदि = तुम्हारे द्वारा हँसा जायेगा। हसेसइ/आदि = उसके द्वारा हँसा जायेगा। हसेसइ/आदि = उस (स्त्री) के द्वारा हँसा जायेगा। पई/तई ते/तेण/तेणं ताए/तए नरिंदें/नरिंदेण/नरिंदेणं कमलें/कमलेण/कमलेणं ससाए/ससए मई पइं/तई तें/तेण/तेणं ताए/तए अपभ्रंश रचना सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002687
Book TitleApbhramsa Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages246
LanguageApbhramsa, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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