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गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति
3. मिश्र {0}
4. अविरत {3} {नरक
गति, कापोत
लेश्या, असंयम }
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भाव
{23} {चक्षु अचक्षु अवधि दर्शन,
क्षायोपशमिक पाँच
लब्धि, नरकगति, कापोत लेश्या, नपुंसक लिंग,
चार कषाय, अज्ञान असिद्धत्व, असंयम,
जीवत्व, भव्यत्व, मति - कुमति, श्रुतकुश्रुत अवधि -
कु अवधि तीन मिश्र ज्ञान }
{25} {औपशमिक सम्यक्त्व, मति, श्रुत अवधि ज्ञान, चक्षु, अचक्षु, अवधिदर्शन,
क्षयोपशमिक
सम्यक्त्व,
क्षायोपशमिक पाँच
लब्धि,
नरकगति, कापोत
लेश्या, नपुंसक लिंग,
चार कषाय, अज्ञान असिद्धत्व, असंयम, जीवत्व, भव्यत्व }
(42)
अभाव
(7) औपशमिक सम्यक्त्व, मति, श्रुत अवधि ज्ञान, | क्षायोपशमिक सम्यक्त्व,
मिथ्यात्व, अभव्यत्व + कुज्ञान 3 - 3 मिश्रज्ञान}
(5) [कुमति, कुश्रुत कुअवधि ज्ञान, अभव्यत्व ]
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मिथ्यात्व
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