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सदृष्टि नं.7
मेघा पृथ्वी भाव {31} मेघा - मेघा पृथ्वी का कथन वंशा पृथ्वी के ही समान ही जानना चाहिए केवल वंशा पृथ्वी में कथित 30 भावों में यहां नील लेश्या और जोड़ देने पर 31 भाव होते हैं । इस पृथ्वी में आदि के चार गुणस्थानों का सद्भाव जानना चाहिए। इनकी संदृष्टि इस प्रकार है - गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति
भाव
अभाव
-
मिथ्यात्व
सासादन
मिश्र
अविरत
संदृष्टि नं.8
अंजना पृथ्वी भाव {30 } अंजना - अंजना पृथ्वी का कथन वंशा पृथ्वी के ही समान जानना चाहिए। वंशा पृथ्वी में ग्रहीत कापोत लेश्याके स्थान पर यहां अंजना पृथ्वी में नील लेश्या का ग्रहण करनााचहिए।शेष समस्त भाव प्रणालीवशासदृश जानना चाहिए। गुणस्थान आदि के चार जानना चाहिए । संदृष्टि इस प्रकार है - गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति भाव
अभाव मिथ्यात्व
सासादन
मिश्र
अविरत
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