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________________ अर्थ :- हे नाथ! मैं मानवीय भोगों में कदाचित् आस्था नहीं रखती हूँ। मैं तुम्हारी हूँ अत: देवाङ्गनाओं के द्वारा स्वर्गीय भोगों के प्रकारों में कामुकीकृत शरीरा वर्तती हूँ। . अन्यैरनीषल्लभमेति वस्तु, यदा यदासेचनकं मनो मे। तदा तदाकृष्टमिवैत्यदूरा-दपि प्रमोदं दिशति त्वयीशे॥२९॥ अर्थ :- हे नाथ! जब मेरा मन जिस आनन्दकारी अन्य के लिए थोड़े सुख से अप्राप्त वस्तु के प्रति जाता है, तब दूर से मानों आकृष्ट हो, इस प्रकार आकर मुझे प्रसन्नता प्रदान करती है। प्रमार्टि गेहाग्रमृभुर्नभस्वान्, पिपर्ति कुम्भान् सुरसिन्धुरद्भिः। भक्ष्यस्य चोपस्कुरुतेंऽशुमाली, दास्योपि नेशे त्वयि दुर्विधा मे॥३०॥ अर्थ :- हे नाथ! आपके स्वामी रहने पर मेरी दासता भी बुरी नहीं है । वायु मेरे घर के आगे सफाई करता है। आकाशगङ्गा पानी से कुम्भों को भरती है और सूर्य भक्ष्य वस्तुओं को पकाता है। त्रातस्त्वयि त्राणपरे त्रिधापि, दुःखं न मश्नाति मुदं मदीयाम्। यं हेतुमायासिषमत्र माया-मुक्तं ब्रुवे तच्छृणु सावधानः ॥ ३१॥ अर्थ :- हे रक्षक! आपके रक्षक होने पर आध्यात्मिक, आधिभौतिक और आधिदैविक दु:ख, अथवा दैव, मानुष और तिर्यक् कृत दुःख से मेरा हर्ष नहीं टूटता है । जिस कारण मैं यहाँ पर आया हूँ। तो मैं माया से रहित होकर कहता हूँ, सावधान होकर आप सुनिए। क्रियां समग्रामवसाय सायं-तनीमनीषद्धृतिरत्र रात्रौ। अशिश्रियं श्रीजितदिव्यशिल्पं, तल्पं स्ववासौकसि विश्वनाथ ॥३२॥ अर्थ :- हे विश्वनाथ! बहुत से, धैर्य से युक्त मैंने सन्ध्या सम्बन्धी समस्त क्रियाओं को जानकर यहाँ रात्रि में अपने निवास भवन में जिसने शोभा से दिव्य शिल्प को जीत लिया है, ऐसी शय्या का आश्रय लिया। त्वन्नाममन्त्राहितदेहरक्षा, निद्रां स्वकालप्रभवामवाप्य। स्वप्नानिभोक्षप्रमुखानदर्श, चतुर्दशादर्शमुख क्रमेण ॥ ३३॥ अर्थ :- हे दर्पण के समान मुख वाले ! मैंने आपके नाम मात्र से अपनी देह की रक्षा करती हुई अपने काल पर उत्पन्न निद्रा को क्रम से पाकर हाथी, बैल प्रमुख चौदह स्वप्न देखे। (११८) [जैन कुमारसम्भव महाकाव्य, सर्ग-८] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002679
Book TitleJain Kumarsambhava Mahakavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayshekharsuri
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2003
Total Pages266
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size12 MB
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