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श्रीमद् राजचन्द्र
१६०२॥॥ तीन भाग खाते नामे पार्सल नं० ६३५-७
लंडनसे वापिस आई, उसके जो रुपया भरने पड़े उनकी विगत--- १००-०-० पौंडकी यहाँसे हुंडी लिखी । ०-६-१० हुंडीकी मुद्दत पूरी होनेसे २५
दिनका व्याज। ३-३-७ जाने-आनेका खर्च ।
०-११-४ जान-आनेका खर्च । १- ७-३ वापिस आनेका तार
__ तथा पोस्टेज खर्च । १- ४-० पौंड ८०-०-० की
जो वी० पी० वापिस आई उसकी आढ़त १ टकेके
भावसे । ०- १-० बिल-स्टाम्पका खर्च।
३- ३-७ १०३-१०-५ के १-३-८ के भावसे
१६०२ ॥ कुल पौंड ४१६-१७-३,,
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