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परिचय ।
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वालेके मनमें बहुत दुःख होता है। इसके सिवाय माल अच्छा तथा ठीक भावसे न खरीदा गया तो उसका परिणाम यह होगा कि मैंने जो उनसे कहा था कि आपका काम-काज बराबर होगा, समय पर वह झूठ भी ठहर सके । मोतियोंकी जो विगत लिखी वह ठीक है। __ दूकानके कामकाजमें कुछ आकुलता जान पड़े तो धीरजके साथ भाई अमृतलाल आदिकी सहायतासे काम करना ।"
२ "आज पत्र मिला । जर्मनकी पारसल वापिस आनेके बाबत लिखा वह ज्ञात हुआ । संभाल कर उसका रुपया तुरंत भर देना । जर्मनने जो २९२८ पौंडकी हुंडी की है उस परसे ज्ञात होता है कि उसने रिटर्न कमीशन एक टकेके भावसे लगाया है, पर वह पहले इस कमीशनके न लेनेके लिए हमें लिख चुका है । उसका वह पत्र फाईल में है। सो आप बनाजी वगैरहसे सलाह लेना कि यह अट्ठाईस पौंड कम भरा जा सकेगा या नहीं । और शायद उसका एजन्ट मोहनलाल मगनलाल यह कहे कि जितनेकी हुंडी उस पर की गई है उसकी एक टकेके हिसाबसे वह आढ़त लेता है। परन्तु ऐसी दशामें आढ़त देनेका अपना ठहराव नहीं है । माल बेचा जाता तो आढ़त दी जाती । इस विषयमें जेठाशासे भी पूछना । आप तथा नगीनभाई इस बातकी पूरी तजबीज करना । जल्दी जल्दीमें यदि ये अट्ठाईस पौंड भर दिये गये तो फिर बड़ी झंझट होगी। कल दिन सब खुलासा लिखूगा।"
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