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स्तुतिविधा
| र
र
वा
रा
पा
राक्ष मा २
मा न
रा
वा मा नाम। म ना मा वा
वा
मा
ना
म
म
ना
मा
| वा
रात मा त ।
क्ष
क्ष
मा
क्ष
| पा
रा
वा
र
र
वा
रा
पा
इस कोष्ठकमें ऊपरका श्लोक चारों ओरसे पढ़ा जाता है।
(१०) गतप्रत्यागतपाद-पादाभ्यासयमक श्लोकः वीरावारर वारावी वररोरुरुरोरव । वीरावाररवारावी वारिवारिरि वार वा ॥८५॥
| वीरा वा र
इस कोष्टक में स्थित प्रत्येक चरण के पूर्वार्धको उल्टा पढ़नेसे उसका उत्तराधे बन जाता है। यह श्लोक दो अक्षरों (व, र) से बना
|वी
रा
वा
र
| वा. रि वारि
एवं १३,२४ श्लोको। .
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