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वास्तुसारे
जिस द्विशाल घर के मुख आगे दो अलिन्द और खिड़की युक्त मंडप हो तथा पीछे एक अलिन्द और दाहिनी तरफ दो अलिन्द हों, एवं स्तंभयुक्त दीवार भी हो ऐसे घर का मुख यदि उत्तर दिशा में हो तो यह 'उद्योत' घर कहा जाता है। यह घर धन का स्थान रूप है। इसी घर का मुख यदि पूर्व दिशा में हो तो 'बहुतेज', दक्षिण दिशा में हो तो 'सुतेज' और पश्चिम में मुख हो तो 'कलहावह घर कहा जाता है ॥१०॥
श्रीधर
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कोर्सनाशन
पुष्टिद३
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श्रीश्रृंगार
श्रीगोज३
कीतिशोजन
मीनिवास -
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बहलान
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यामश्रीधर
लक्ष्मीनिवास
बहुतेज२
सतेज
कलहावर
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