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वास्तुसारे
कहा जाता है । शान्तिद घर के दाहिनी और बांयी तरफ एक २ लिन्द और आगे दो अलिन्द मंडप सहित हो तथा शाला के मध्य में स्तंभ हो तो यह 'सुभद्र' घर कहा जाता है । वर्द्धमान घर के दाहिनी और बांयी तरफ एक २ लिन्द हो तथा आगे दो अलिन्द मंडप सहित हो और शाला के मध्य में स्तंभ हो तो यह 'भद्रमान ' घर कहा जाता है । कुक्कुट घर के दाहिनी और बांयी तरफ एक २ अलिन्द हो तथा आगे दो अलिन्द मंडप सहित हो साथ ही शाला के मध्य में स्तंभ हो तो यह 'क्रूर' घर कहा जाता है ॥ ८६ ॥
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