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( ४६ )
वास्तुसार
घर कहा जाता है । हर्षण घर के दक्षिण तरफ स्तंभवाला अलिन्द हो तो यह 'चित्त' (चित्र) घर कहा जाता है । विपुल घर के दक्षिण और स्तंभवाला एक अलिन्द हो तो यह 'धन' घर कहा जाता है । कराल घर के दक्षिण और स्तंभवाला लिन्द हो तो यह 'कालदंड' घर कहा जाता है ।
शान्तन १
वर्धमान ३
स्वस्तिक ?
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शान्त १
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वित्त १
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चित्तर
वर्जन ३
विपुल ३
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धन ३
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कुक्कुट ४
कर्बूर ४
कराल ४
वित्तगिहे वामदिसे जइ हवइ गुजारि ताव बंधूदं । गुजारि पिट्ठि दाहिण पुरो दु अलिंद तं तिपुरं ॥ ८४ ॥
कालदंड ४
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