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आदर्श जीवन ।
आचार्य श्री का उपदेश। आज पूर्णाहुती का दिन है परन्तु खुशी की बात तो यह है कि आज के दिन भी मंगल है । और सैठ साहिब के साधर्मिवात्सल्य ने तो इस मंगल को और भी मंगलमय बना दिया ! लोग जाना चाहते थे लेकिन इसी कारण से उन्हें रुकना पड़ा।
ठीक आठ बजे के करीब आचार्य श्री विजयवल्लभ मूरि जी महाराज सभामें पधारे और अनुमान दो घण्टे तक आपने बडा ही शिक्षापूर्ण उपदेश दिया । आपने पंजाब निवासियों की कन्दमूल भक्षण की तरफ बढ़ी हुई अभिरुचि की आलोचना करते हुए केशी स्वामी और गौतमगणधर के प्रसंग में, साधुओं को वस्त्र किस प्रकार के और कितने मूल्य के रखने चाहिएँ यह बतलाकर आधाकर्मी आहार के विषय में बहुत कुछ मनन करने लायक बातें कहीं। इस उपदेश के दरम्यान में ही प्रसंगवश आपने कहा कि आप लोग सिद्ध क्षेत्रपालीणा की यात्रा करने के लिये जाते हैं । वहाँ स्टेशन के नजदीक ही अपनी एक श्री यशोविजय जैन गुरुकुल नाम की संस्था है और जैनबालाश्रम नाम की एक संस्था शहर में है। क्या आपने कभी इसको देखा है ? यदि न देखा हो तो आज से याद रखें कि जब कभी भी पालीताणे में जायँ इन संस्थाओ के दर्शन किये बिना नहीं आवें । यहाँ पर
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