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________________ आदर्श जीवन। ४०१ पधारेंगे। आप भी होशियारपुर पधारनेकी कृपा करें। बाकी चौमासेके लिए तो मेरी भावना अंबालेहीकी है। क्योंकि, वहाँकी श्रीआत्मानन्दजैन पाठशाला ( स्कूल) की व्यवस्था कुछ ठीक करानी है और वहाँका श्रीसंघ भी इस बातको चाहता है । श्रीसंघ पंजाबने भी यही बात पास कर ली है। ___ डबवाली मंडासे विहारकर आप भटिंडे पधारे । वहाँके हिन्दु मुसलमान भी आपके स्वागतके लिए आये थे । वहाँ आपके दो सार्वजनिक व्याख्यान हुए। कई लोगोंने यहाँ मांस मदिराका त्याग किया । परस्त्रीगमन न करनेकी प्रतिज्ञा ली। भटिंडेसे आप जेतो पधारे । यहाँ भी सार्वजनिक व्याख्यान हुआ। जेतोसे कोटकपूरे पधारे । एक वैष्णव मंदिरमें उतरे । सार्वजनिक व्याख्यान हुआ। जेतो' नाभास्टेटमें और कोटकपूरा पटियाला स्टेटमें है। १ जेतो वो स्थान है जहाँ सिक्खोंका गुरुगंगसर नामा गुरुद्वारा है, जिसमें उनके यकीदे मुजिब ग्रंथ साहिबका अखंड पाठ करना सरकारकी ओरसे मना किया गया था और " शिरजावे तो जावे मेरी सीरकी सदक ना जावे" इस वापर तुले हुए अकाली-सिक्खों ने पाँच पाँच सौका जथा जाना शुरू करा दिया था। हजारों ही कैद हुए, सैंकडों मर गये, अनेक प्रकारके संकटोंका सामना किया परंतु बहादुर अकाली-पीछे नहीं हटे । आखर अपना धारा कर लिया। एकके. बदले एक सौ एक अखंड पाठ किये, सबको कैदसे रिहाई मिली और दुनियामें जी ती जागती कौम कहाई ! वाह ! धन्य है ! धमकी टेक हो तो ऐसी ही होवे । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
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