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________________ आदर्श जीवन । कि आप किसी तरहकी चिंता न करें। हम सब प्रबंध ठीक कर देंगे । प्रभुकी सवारी जरूर निकाली जावे । आपने लाला पन्नालालजी अमृतसर वालोंको, लाला गंगारामजी अंबालावालोंको और लाला गूजरमलजी होशियारपुरवालोंके पोते लाला दौलतरामजीको बुलाया और रथयात्राकी इच्छा जाहिर की । १४६ और विकी बात कही । वे तत्काल ही पटियाला पहुँचे । वहाँ मालूम हुआ कि बारबटन साहब - जो आजकाल राज्यका इंतजाम कर रहे हैं-शिमला हैं । वे तत्काल ही शिमलाके लिए रवाना हो गये और आपको पता दे गये कि, आप चिन्ता न करें । हम शिमला जा रहे हैं शासनदेव हमारी सहायता करेंगे । इस धर्मकार्यको कोई रोक न सकेगा । जहाँ आप हैं वहाँ विन कितनी देर ठहर सकता है ? इन सज्जनोंका पंजाबमें अच्छा मान है । लाला पन्नालालीको प्रायः कई राजा महाराजा और हाकिम लोग पह चानते हैं । जब ये शिमला पहुँचे और बारबटन साहब से - मिले तब साहबने आश्चर्यके साथ पूछा: – “ आप किधरसे आ गये ? " " " लालाजी बोलेः–“ आपसे हमारा धर्मकाम कराना है इस लिए यहाँ आये हैं । साहबने पूछा: – “आपका कौनसा धर्म - कार्य है ? " लालाजीने सामानेकी बात सुनाई और कहाः – “ सामा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
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