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जैनाचार्य श्री विजयधर्मसूरि महाराज के शिष्य श्री मुनि विद्याविजयजी महाराज, इत्यादि श्री मूलचंदजी तथा श्री बुद्धिसागरजी महाराज के समुदाय के साधु-मुनिराज सम्मिलित हुये। मुनि धर्म की मर्यादा की रक्षा के संबंध में विचार होता रहा। आचार्य श्री विजय वल्लभमूरिजी महाराज देर से पहुँचने के कारण इस छोटे सम्मेलन में शामिल न हो सके थे। आपके पहुंचने से पहले ही श्री विजयनीति सूरिजी महाराज देह ग्राम से विहार कर डभोड़ा गाम चले गये थे और वहीं ठहरे हुये थे। इतने में विहार करके आप भी डभोड़ा पहुँच गये और श्री विजयनीतिमूरिजी से मिलाप हो गया। वहीं अहमदनगर के नगर सेठ श्रीयुत् विमलभाई मायाभाई तथा सेठ कस्तूरभाई लालभाई आये और अहमदाबाद में ऊजप बाई की धर्मशाला में पधारने के लिये आप से प्रार्थना की। वहां से सारा मुनि मंडल नरोड़ा पहुँचा। अहमदाबाद के ५०० श्रावक दर्शनार्थ नरोड़ा आये। यहां स्वामी वत्सल भी हुआ।:: - वहां से सब मुनिराज इकडे ही अहमदाबाद पधारे। प्रवेश के समय जनता की भीड़ का क्या कहना ! कुछ दिनों से श्री केशरियानाथजी का झगड़ा चल रहा था। अभी तक उसका कुछ निर्णय न हुआ था। श्री आचार्य महाराज ने इस प्रकार का निर्णय कर रक्खा था कि जब
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