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* * * पूज्यपाद शासन-प्रभावक पंजाब-वीर केसरी पश्चनद मरुदेशोद्धारक विद्या प्रेमी प्रातः स्मरणीय बाल ब्रह्मचारी आचार्य महाराज श्री १००८ श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी की
पवित्र सेवा सेवा में अभिनंदन पत्र एवं उपाधि समर्पण आचार्य श्री! ___ श्री नवपद चैत्री ओली तथा श्री अखिल भारतवर्षीय पोरवाल महासम्मेलन के अवसर पर भारतवर्ष के भिन्न २ प्रॉन्तों से बामणवाड़जी तीर्थ में एकत्र हुआ यह समस्त जैन संघ आपके विद्या व्यासंग, धर्म और समाज की प्रगति के लिये आपके भगीरथ प्रयास और अज्ञान दशा में पड़े हुये हमारे अनेक भाईयों के उद्धारार्थ आपके द्वारा की हुई महान् सेवाओं का स्मरण करके आपके प्रति अपना हार्दिक पूज्य भाव व्यक्त करता है।
स्वर्गीय न्यायाम्भोनिधि जैनाचार्य श्रीमद् विजयानन्द सूरीश्वरजी (प्रसिद्ध नाम श्री आत्माराममी) महाराज ने अपने अंतिम अवस्था के समय पंजाब के जैनों के हृदय का ददें पहचान कर उनको आपके सुपुर्द किया था।
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