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संधिकाव्य-समुच्चय
तं नमवि सो वि विहसंत-दिट्ठि इय भणइ नाह इहऽणब्भ-वुट्टि अवधारिउ अप्पणि' तुम्हि पाउ मह उवरि किदु गरुयउ पसाउ ता भंजउ संसउ अपरिमाणु गेहीण होइ किं अवहि-नाणु होइ त्ति भणिउ सिरि-गोयमेण आणंदु पयंपइ सुणह तेण हडं पिक्खउं जोयण पणसयाइ पुवावर-दाहिण-जलहि माइ हिमवंतु जाम उत्तर-दिसम्म अह पढम नरय उवरि सुहम्मि । अह जंपइ गोयमु गुण-निहाणु मालोइ पडिक्कमि एह ठाणु । जं अवहिनाणु गेहीण होइ ए-दूरिहिं पिक्स्वइ न उण कोइ जंपेइ सुसावउ सच्चि अट्टि मिच्छुक्कडु दिज्जइ किं व जुट्ठि जइ जुइ ता पडिकमणु तुम्ह अह सच्चि तु आइसु देहु अम्ह इय निसुणवि गोयमु निरभिमाणु तं जाइवि पुच्छइ बद्धमाणु कहि नाह अम्ह बिहु जणह माहि' को सच्चवाई को मिच्छवाइ आणंदु सच्चवाई सु साहु तुहुं मिच्छवाइ इम भणइ नाहु तं सुणवि झत्ति जाएवि तेण आणंदु स्खमामिउ',गोयमेण मह चइउ देह अणसणिण वीणु सिरि-वद्धमाण-पय-सरणि लोणु सुमरंतु पंच-परमिट्ठि-मंतु सोहम्मि पत्तु सिवनंद-कंतु अरुणप्पमम्मि उववाय-सिज्ज अंतोमुहुत्ति 1°चउ उत्तरिज्ज बत्तीस-वरिस जारिस जुवाणु उप्पन्नु सत्त-कर-देह-माणु
पत्ता तहिं11 जय जय नंदय जय जय भद्दय अजिउ जिणसु जिउ पालसु य अम्ह अज्ज अणाहह तुम्मि हुय नाहह इय देवंगण-वयण सुय ॥२५
उप्पन्नु पिक्वि वेमाणि देउ पडिहारि विनत्तउ पढ़मु एउ अम्ह पुन्नि जाय तुम्हि इत्थ ठाइं ता वंदहु13 मासय-चेइयाई सुरु उदिउ तउ1तिणि दिन्न बाहु पूण्इ नमसइ तित्थनाहु 1 तिहिं वच्चइ पुच्छइ मत्थ-नीइ संचरइ15 देव-ववहारु जीह ___I. A अप्पणु 2. A . हि माहि 3. A अह 4. A नरई 5. A कचि 6. BG7. A माइ 8. A तुह 9. B खामिउ 10. A विचि 11. B तह 12. B बंदउ 13. A विण दिन बा 14. A तह वाचइ पुत्थय सग्गनीइ 15. B संवरइ
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