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सिल मट्टी लवणइ पुढविक्राउ * विज्जुक्क अगणि मुह तेउकाउ पत्तेय सहारण वणसईउ किमि पुयर अलस बेईंदिया य चउरिदिय डंस मसा य मच्छि पंचिदिय जलयर णेगमेय सस सप्प हरिण सूयर अरन्नि नारइय सत्त- नरएसु संत वैमाणिय जोइस वंतरा य भव - मज्झ भमंतह मई अभव्वि आसाइय कहवि हु तित्थनाहु साहुणि य सावय सावियाउ' तह पाण-भुय जिय सव्व काल ते तिविह तिविह स्वामेमि पुज
उहि दप्पिि
ते सवि हउं स्वामउ
कालाइ अट्ठ नाणाइयार अइयार अट्ठ चारितचारि पंचाइयार संलेहणाइ वह बंध - मुह जं विहिय हिंस नं थोब वि चोरिय कसु वत्थु ''मेलिउ परिगहु पाव-मूलु जं पनरस कम्मादाण चत्त जं अट्ट रुद झाईउ झाणु
संधिकाव्य-समुच्चय
दूमिह 7. B सावयाण 11. A अइ प° 12. A मीलिउ
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घत्ता
तह संकपिि
हउं ति स्वमावउं
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महि ओस करय हिम आउकायु तलियंट फुक्क धम वा उकाउ' एगिंदिय स्वामउं सवि स्वमीउ जू मंकुण कीड तिइंदिया य
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खजूरय भमर य तिड विंछि चिड लावय तित्तिर खचर जे य पसु महिस- पमुह "थलयर जि अन्नि जे मणुव-वित्ति माणुस वसंत दस भेय भवणवासी सुरा य जे दूमिय स्वामउं हउं ति सव्वि केवलिय सिद्ध आयरिय साहु चारित्त-नाण- दंसण- गुणा उ आसाइय जे मई गुण-विसाल ते वि हु स्वमंतु अवराहु मज्झ
1. Bo काय 2 A चड 3. B खयर 4. A जलयर 8. B गुणाण 9. A सत्तकाल
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मई जि विराहिय कह वि जिय निंदउं हिव जे दुकिय किय ॥१५
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संकाइ अट्ठ दंसणइयार
तवि बार तिन्नि वीरियइयारि
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जे विहिय कहवि मई इह पमाइ जं जंपिय वयण अलिय- मिस्स जं सेवि मेहुण अप्पसत्थु जं हिंडिउ दिसि जिम तत्त- गोलु बावीस अभक्खई जं च भुत्त जं किछु पाव उवएस दाणु ८ 5. B भमंतर 6. B 10. A संकपिहिं कप्पिहि
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